9 साल पहले गायब हुए Malaysian airlines MH 370 मिलने की उम्मीद फिर दिखाई दी है –
हाल ही में एमएच 370 के लोकेशन की जानकारी मिली है,
एक एक्सपर्ट ने चौका देने वाला दावा किया है,
एयरोस्पेस एक्सपर्ट ’रिचर्ड गॉडफ्रे ’ के अनुसार फ्लाइट MH 370 समुंद्र की गहराइयों में है उनका कहना है कि विमान ऑस्ट्रेलिया की पर्थ शहर से 1,933 किलोमीटर दूर क्रैश हुआ और समुंद्र में गिरा। विमान के गायब होने से पहले उसका पीछा किया जा रहा था। विमान के गायब होने के 3 साल बाद 2017 में तलाशी अभियान आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया था, लेकिन 2019 में अमेरिकन कंपनी ओशन इनफिनिटी ने फिर तलाशी अभियान शुरू करने का एलान किया था।
एक्सपर्ट के अनुसार उन्होंने दुनियाभर में रेडियो फ्रीक्वेंसी में हुए गड़बड़ी को ट्रैक करके विमान के अंतिम रास्ते का पता लगा लिया है, समुंद्र के ऊपर विमान के रास्ते में कुछ पैटर्न पाए गए। ऐसा तब होता है जब पायलट जानबूझ कर एयरक्राफ्ट के इंजन को बंद कर दे । विमान का रास्ता सीधा था तो हो सकता है की पायलट जहारी अहम शाह ने उसे ऑटो पायलट मोड पर रखा हो।
जानते है 2014 में फ्लाइट के साथ हुआ क्या था–
साल 2014, 8 मार्च को कुआलालंपुर से एक प्लेन उड़ा जिसे चीन के बीजिंग एयरपोर्ट पर लैंड होना था। वह प्लेन हवा में ही गायब हो गया और उसका मलबा अभी तक नहीं मिला है।
MH 370: साल 2014 में गायब हुआ वो प्लान है जिसके बारे में अभी तक कुछ भी पता नहीं लगाया जा सका है। पिछले 9 सालों से यह राज बना हुआ है कि mh 370 aircraft कहां गया। इसे लेकर बहुत सी थ्योरीज सामने आई हैं। प्लेन के गायब होने के बाद करोड़ों डॉलर लगाकर इसका मलबा ढूंढने की कोशिश की गई, पर कोई जानकारी नहीं निकल सकी ।
फ्लाइट में 239 लोग सवार थे। मलेशिया के स्थानीय समय 12.41AM, यानी भारत में 7 मार्च रात 10:30 के आस पास एक प्लेन कुआलालंपुर एयरपोर्ट से निकलता है। यह प्लेन टेक ऑफ करने के तीन मिनट बाद ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर के रडार से गायब हो जाता है। एयरपोर्ट में हड़कंप मच जाती है और पहला संकेत मिलता है कि प्लेन का ट्रांसपोंडर बंद कर दिया गया है। ऐसा करने वाला या तो पायलट या फिर को-पायलट हो सकता है। या कोई और इसमें शामिल हो लेकिन कौन?
नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री ‘MH370 The Plane That Disappeared’ के द्वारा बताया गया की मिलिट्री रडार ने इसके बाद भी इसे ट्रैक किया था। उस डेटा के हिसाब से इस फ्लाइट ने एकदम से अपने रूट से डायवर्जन किया था। यह मलेशियन पेनेंसुला की तरफ ही मुड़ गया था। 2:22am पर यह प्लेन गायब हो गया। जब वह गायब हुआ प्लेन पेनांग से 230 मील आगे निकल चुका था। इतनी खोज के बाद भी यह नहीं पता लगाया जा सका कि आखिर प्लेन गया कहा ? अगर प्लेन अपनी स्पीड में पानी से टकराता, तो उसके टुकड़े कहीं तो गिरते, लेकिन इसका भी कही कोई सुराग नहीं मिला। तो आखिर प्लेन गया कहा, ना समुंद्र में डूबने की कोई जानकारी और न क्रैश होने के कोई सबूत मिले है ।तो क्या इस फ्लाइट को किसी मिसाइल ने टक्कर मार दी, लेकिन ना तो कभी कोई निशान मिला, ना ही लोगों की लाश, ना ही प्लेन का ब्लैक बॉक्स और ना ही प्लेन का कोई हिस्सा अभी तक चांच में मिला है।
पहले यह अंदाजा लगाया गया कि हो सकता है की विमान को आतंकियों ने हाईजैक कर लिया है, लेकिन फिर बाद में इसके कोई संकेत नहीं मिले। इसके बाद फिर यह माना गया कि शायद विमान कहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गया होगा। इसको लेकर फिर तलाशी अभियान शुरू हुआ। कई महीनों तक और कई देशों में विमान की खोजबीन चलती रही, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। आशका विमान के पायलट जहारी अहमद शाह पर भी है क्युकी हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी एबॉट ने यह दावा किया था कि मलयेशिया के उच्च अधिकारियों का मानना है कि एमएच-370 फ्लाइट उन्होंने ही जानबूझ कर समुद्र में डुबा दिया था। उनका दावा था कि कप्तान आत्मघाती था, जिसने विमान में सवार सभी लोगों की जान ले ली। हालांकि, अपने इस दावे से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला था। इस विमान का गायब होना अभी भी एक पहेली ही बना हुआ है जिसे सुलझाने की कोशिश अभी भी जारी है कई देशों की जांच टीम इसे सुलझाने में लगी हुई है आशा है कि प्लेन को जल्द ही तलाश लिया जाएगा।