Pakistan नए साल 2024 का जश्न नहीं मनाएगा आख़िर क्यू
पाकिस्तानी अब नहीं मना पाएंगे नए साल का जस्न, जाने पाकिस्तान सरकार ने क्यू लिया ये फैसला?
पाकिस्तान ने एक बड़ा ऐलान किया है कि इस साल 2024 में नए साल का जस्न नहीं मनाएंगे पाकिस्तानी, और अगर कोई इस कानून का उल्लंघन करता है तो उसे पर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। यह ऐलान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर ने खुद किया है।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इजराइल और हमास के बीच जंग अभी जारी है और पाकिस्तान सरकार ऐसा करके फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता प्रतीत कर रही है, इसलिए पाकिस्तान वासियों से फिलिस्तीनियों के प्रति एकजुटता बताने और नए साल पर विनम्र रहने का आग्रह किया गया है।
7 अक्टूबर को इजरायल बमबारी में 9000 से जादा बच्चों की मौत की खबर आई है फिलिस्तीनियो की गंभीर चिंताजनक स्तिथि है, इजराइल ने क्रूरता और अन्याय की सारी हदें पार कर दी है, इस गंभीर चिंताजनक स्थिति को लेकर बहुत सारे पाकिस्तानियों में गुस्सा उमड़ा है, पाकिस्तान की ओर से फिलिस्तीन को दो बार सहायता की गई है और अब तीसरी बार की तैयारी है, इस युद्ध में 20,000 से अधिक फिलिस्तीन मारे गए है जिसमे महिलाए और बच्चे अधिक मात्रा में शामिल है, इस युद्ध की वजह से इजराइल के गाजा की 23 लाख जनता में से 85 फ़ीसदी लोग बेघर हो चुके है।
कई देशों ने इजराइल से अपील की है वो इस जंग को रोक दे।
जबकि इज़राइल के कई पश्चिमी सहयोगियों, जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय देशों सहित कई देशों ने हमास के हमलों की निंदा की है, इज़राइल के लिए एकजुटता बताते हुए कहा कि इज़राइल को हमलों से अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।
युद्ध कहा से शुरू हुआ जानते है–
फ़िलिस्तीनी आतंकवादियों ने गाजा-इज़राइल बाधा को तोड़ दिया और 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमला किया, जवाब में इज़राइल ने हवाई हमला किया और 9 अक्टूबर को गाजा की नाकाबंदी शुरू कर दी।
इज़राइल ने फिलिस्तीनियों को 13 अक्टूबर को गाजा शहर सहित उत्तरी गाजा को खाली करने का आदेश दिया।
इज़राइल ने 27 अक्टूबर को गाजा पर जमीनी आक्रमण शुरू किया।
इज़राइल ने 2 नवंबर को गाजा शहर की घेराबंदी शुरू की
इज़राइल और हमास ने 24-30 नवंबर तक चार दिवसीय युद्धविराम समझौता लागू किया।
पहले 6 दिनों में इजराइल ने गांजा पर 6000 बम गिराए जिससे काफी संख्या में जनहानि हुई, 23 दिसंबर 2023 तक 8000 से अधिक बच्चे और 6000 से अधिक महिलाएं मारी गई हैं बताया जाता है कि मलबे में कई हजारों लोगों के शव दबे हुए हैं।
फिलिस्तीनियो की जाती–
यहूदियों के बाद इस देश में इजरायली अरब सबसे बड़ी जनसंख्या हैं, इनमें ज्यादातर सुन्नी मुस्लिम हैं, वे खुद को इजरायली नहीं मानते।वही इसराइल के प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतान्याहू का कहना है कि इस युद्ध का मकसद हमास की सैन्य क्षमता ख़त्म करने के साथ ही अगवा किए गए लोगों को आज़ाद कराना है।इसराइली सेना ने बताया है कि उसने हमास से जुड़े हज़ारों ठिकाने निशाने पर लिए हैं, इस संगठन को ब्रिटेन, अमेरिका समेत कई दूसरे पश्चिमी देश एक आतंकवादी संगठन के रूप में देखते हैं। इसराइली सेना ने ये भी बताया है कि उसने ग़ज़ा के नीचे बनाई गई सुरंगों तक ले जाने वाले सैकड़ों मार्गों को तबाह किया है।