कितना ख़तरनाक है कोरोना का नया वेरिएंट JN.1?
वैरिएंट JN.1 अन्य देशों में भी तेजी से फैल रहा है, इसलिए WHO ने इसके तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए, JN.1 को “वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट” (VOI) के रूप में वर्गीकृत किया है. WHO का कहना है कि JN.1 सब-वैरिएंट के सामने आने से कोरोना के मामलों में वृद्धि हो सकती है, खासकर उन देशों में जहां ठंड अधिक पड़ती है.
क्या है इसके लक्षण ?
बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, शरीर में दर्द और थकान। ये लक्षण फ्लू जैसी अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों कि तरह से हैं।
बचने के लिए क्या सावधानी बरतें ?
मास्क पहनना, फिजिकल डिस्टेंस रखना और हाथों को साफ रखना बहुत जरूरी है। इससे ट्रांसमिशन तेजी से नहीं हो पाता और जल्दी छुटकारा पााया जा सकता है
कितना खतरनाक है –
जेएन.1 वैरिएंट बीमारी की गंभीरता के मामले में अधिक खतरनाक नहीं है, लेकिन इससे सतर्क रहना बहुत जरूरी है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने, पहले से किसी दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की सूरत में जेएन.1 वैरिएंट का संक्रमण शरीर को और अधिक कमजोर बना सकता है।
कब सामने आया जेएन.1 का पहला मामला?
कोविड-19 का यह सब-वैरिएंट सबसे पहले लक्जमबर्ग में मिला था। यह ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट से आया है। इसका सोर्स पिरोला वैरायटी BA.2.86 है। इसमें स्पाइक प्रोटीन आल्टरेशन हैं जो इसे अधिक संक्रामक और इम्यून सिस्टम को चकमा देने वाला बना देते हैं। जहां तक भारत का सवाल है तो जेएन.1 का पहला मामला 8 दिसंबर को सामने आया था। केरल में 79 साल की एक बुजुर्ग महिला इससे संक्रमित हुई थी।
कहां-कहां फैल चुका है जेएन.1 वैरिएंट?
कोरोना यह नया वैरिएंट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संक्रमण में बढ़ोतरी का कारण बन रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, आइसलैंड, स्पेन, पुर्तगाल, नीदरलैंड और हाल ही में चीन सहित अलग-अलग देशों में इसकी मौजूदगी मिली है। अब इस फेहरिस्त में भारत का नाम भी जुड़ गया है।
क्या JN.1 अन्य कोरोना वैरिएंट से ज्यादा संक्रामक या गंभीर है?
JN.1 BA.2.86 से जुड़ा है जो ओमिक्रॉन का एक वंशज है। पिछले साल गर्मियों में इसके कारण कोरोना के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दोनों वैरिएंट लगभग एक जैसे हैं। उनके स्पाइक प्रोटीन में बहुत मामूली अंतर है। स्पाइक प्रोटीन वायरस का वह हिस्सा होता जो इसे मानव कोशिकाओं पर आक्रमण करने की इजाजत देता है। नया वैरिएंट इम्यून सिस्टम को चकमा देने में ज्यादा असरदार है। इसका मतलब है कि इंफेक्शन होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
बढ़ रहा मौतों का आंकड़ा
देश में रविवार को कोरोना से पांच मरीजों की मौत हुई है. इनमें से चार मौतें केरल में और एक मौत उत्तर प्रदेश में हुई है. कई दिनों के बाद देश में कोविड से इतनी मौतें हुई हैं, हालांकि जिन मरीजों की मौत हुई है उनमें अधिकतर 60 साल से अधिक उम्र के थे और उनको पहले से कोई गंभीर बीमारी थी
कोरोना वायरस के J.1 वेरिएंट पर बढ़ती चिंताओं के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने जनता को आश्वस्त किया है कि अभी घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्वामीनाथन ने इस तथ्य की ओर इशारा किया कि संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने तनाव को रुचि के प्रकार के रूप में वर्गीकृत किया है चिंता के प्रकार के रूप में नहीं।
सुरक्षित रहने के लिए नीचे दी गई सावधानियां बरती जा सकती हैं
टीकाकरण:
जैसे ही आप पात्र हों, टीका लगवाएं। टीकों को गंभीर बीमारी, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु को रोकने में प्रभावी दिखाया गया है।
स्वच्छता प्रथाएँ:
अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं, या कम से कम 60% अल्कोहल वाले हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें।
अपने चेहरे, विशेषकर अपनी आँखें, नाक और मुँह को छूने से बचें।
मास्क पहनना:
भीड़-भाड़ वाले या घर के अंदर मास्क पहनें, खासकर यदि आप उच्च संचरण दर वाले क्षेत्र में हैं या स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अनुशंसित हैं।
शारीरिक दूरी:
जो व्यक्ति आपके घर का हिस्सा नहीं हैं उनसे कम से कम 6 फीट (लगभग 2 मीटर) की दूरी बनाकर शारीरिक दूरी बनाए रखें।
हवादार जगह में रहे:
इनडोर स्थानों में अच्छा वेंटिलेशन सुनिश्चित करें। हवा का संचार बढ़ाने के लिए खिड़कियाँ और दरवाज़े खोलें।
सूचित रहें:
Disclaimer :विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी), या अपने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग जैसे विश्वसनीय स्वास्थ्य स्रोतों से नवीनतम जानकारी पर अपडेट रहें।