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Air Pollution Rising Again दिल्ली में हवा हुए जहरीली

Delhi pollution rising again

Delhi pollution rising again

Air Pollution Rising Again, दिल्ली में हवा हुए जहरीली–

Delhi में प्रदूषण का लेवल एक बार फिर से बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है, पराली नही जल रही फिर भी हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है।

Air pollution in India (वायु प्रदूषण)–
वायु प्रदूषण तब होता है जब गैसें, धूल, गंदगी, पराग, कालिख, वायरस, आदि हवा को दूषित करते हैं जिससे यह अशुद्ध, अस्वास्थ्यकर और विषाक्त होता है। हवा में मौजूद वायु प्रदूषण की मात्रा मनुष्यों, जानवरों, पौधों और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके प्रभाव को निर्धारित करती है।

रविवार की सुबह से दिल्ली एनसीआर में घना कोहरा छाया हुआ है. वहीं अधिकतर इलाकों में AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है।
नोएडा के सेक्टर 125 में AQI 999 दर्ज किया गया है
राजधानी और उससे सटे इलाकों में प्रदूषण और बिगड़ा हुआ मौसम और खाने कोहरे की वजह से विजिबिलिटी घटकर 200 से 500 मीटर हो गई है।

बिगड़ते मौसम और पॉल्यूशन के कारण हवा में से प्रदूषणकारी तत्त्व कम नहीं हो रहे इसलिए दिल्ली में ये स्थिति
देखने को मिल रही है।
सड़कों पर कारें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वायु प्रदूषण में वाहन प्रदूषण का प्रमुख योगदान है, खासकर शहरी शहरों में, जहां कार स्वामित्व की दर ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में अधिक है। जब कार गैसोलीन जलाती है, तो यह हवा में प्रदूषकों का उत्सर्जन करती है जो एक दिन में 10 सिगरेट पीने के बराबर हानिकारक है। आपका वाहन उत्सर्जित करता है:

कार्बन मोनोआक्साइड,
हाइड्रोकार्बन,
नाइट्रोजन ऑक्साइड, और
पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5 और PM10)
जब वातावरण में वाहन प्रदूषण अधिक होता है, तो यह ओजोन परत में एक छेद बनाता है जो स्मॉग में योगदान देता है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।

विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण कम करने के 9 तरीके बताए

✓ सार्वजनिक परिवहन का उपयोग : वायु प्रदूषण कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग कीजिए। तथ्यों और आंकड़ों के मुताबिक, कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन में 30% गाड़ियों की आवा-जाही से पैदा होता है।

✓गोइंग ग्रीन” पर विचार : “गोइंग ग्रीन” का मतलब है पर्यावरण अनुकूल और पारिस्थितिकी के लिहाज से जिम्मेदार जीवनशैली व्यवहार में लाना/अपनाना। यही नहीं, ऐसे निर्णय लेना, जिससे पर्यावरण की रक्षा हो और प्राकृतिक संसाधन बने रहें।

✓ऊर्जा कुशल वाहनों की खरीद : गाड़ी खरीदते समय ईंधन कुशल और वैकल्पिक ईंधन वाले वाहनों की खरीद पर विचार कीजिए।

✓बगीचा लगाएं : पौधे लगाने से हमें ताजी हवा पाने में सहायता मिलेगी और वायु प्रदूषण कम होगा।

✓जरूरत न हो तो बत्तियां बुझा दें : ऊर्जा और धन बर्बाद न करें। बत्तियों और बिजली के उपकरणों जैसे पंखे, एयर कंडीशनर आजि के मामले में सावधान और सतर्क रहिए तथा जब कभी इनकी जरूरत न हो इन्हें ऑफ कर दीजिए। बच्चों में भी ऐसी आदत डालिए।

✓प्लास्टिक की थैलियों से बचिए : प्लास्टिक की थैली के उपयोग से बचने की कोशिश कीजिए और बचिए क्योंकि ये अपने आप नष्ट नहीं होते हैं और इन्हें खत्म करना मुश्किल है।

✓सौर ऊर्जा का उपयोग कीजिए : सौर ऊर्जा से आप बिजली की भारी बचत कर सकते हैं और इससे भी बड़ी बात यह है कि आप लंबे समय में ढेर सारी नकदी भी बचा सकते हैं। हमेशा ऐसे उत्पादों का उपयोग करें, जिन्हें रिसाइकिल किया जा सके।

✓अपने साथ वालों को शिक्षित करें : अपने आस-पास के लोगों को बताइए कि हवा को साफ रखने में वे कैसे योगदान कर सकते हैं। उन्हें इससे संबधित सभी तरीके बताइए

✓धूम्रपान छोड़ दें : धूम्रपान स्वास्थ्य और आपके आस-पास के लोगों के लिए खतरनाक है।

ऐसे करें बचाव –

मास्क पहनकर बाहर निकलें।
भांप लें।
प्राणायाम करें।
काढा का सेवन करें।

वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियाँ–

अस्थमा
दिल की बीमारी
फेफड़ों का कैंसर
निमोनिया
ल्यूकेमिया जैसी बीमारी हो सकती है।

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